इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शहरों में बेरोक-टोक दौड़ रहे हजारों बैटरी रिक्शा के मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या में शहरों में दौड़ रहे बैटरी रिक्शा के लिए कोई दिशानिर्देश हैं या नहीं। इनके कारण लोगों को हो रही परेशानी को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने मेरठ के मनोज कुमार चौधरी की जनहित याचिका पर अधिवक्ता सौरभ सिंह को सुनकर दिया। अदालत ने जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की है।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एडवोकेट सौरभ सिंह ने अदालत को बताया कि प्रदेश के हर शहर में हजारों गैर-पंजीकृत बैटरी रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनकी न तो कोई दिशानिर्देश है और न ही रूट निर्धारित हैं। इस कारण ये बेतरतीब तरीके से कहीं भी धड़ल्ले से चल रहे हैं और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक जाम और वहां की सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण भी हैं।
अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के अंदर इस मामले पर जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करती है तो अदालत खुद हस्तक्षेप करेगी।
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